Monday, October 5, 2009

वेदांता की मौत की चिमनी

वेदांता की मौत की चिमनी
छत्तीसगढ़ के बालको में घरों को रौशन करने के लिए बनाई जा रही विशाल चिमनी ने ही सैकड़ों घरों को हमेशा-हमेशा के लिए अंधेरे में डूबा दिया है. इस घटना को दस दिन हो गये हैं लेकिन अब तक 41 मज़दूरों की हत्या की जिम्मेवारी तक तय नहीं हुई है. हालत ये है कि वेदांता की इस चिमनी में कितने मज़दूर काम कर रहे थे, इसका आंकड़ा भी छत्तीसगढ़ सरकार के पास नहीं है.
बालको नगर से आलोक प्रकाश पुतुल की रिपोर्ट
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Monday, October 13, 2008

निरुपमा दत्त मैं बहुत उदास हूँ...




दु:ख लड़ने के लिए 

एक बहुत बड़ा हथियार है 

जो पहले 

पानी की भाषा में 

आदमी की आँखों में आता है 

और फिर 

हाथों की धरोहर बन जाता है 

पानी के पत्थर बनने की प्रक्रिया 

आदमी के इतिहास से पहले का इतिहास है 

किन्तु अब 

यह प्रक्रिया 

आदमी के इतनी आसपास है 

कि दु:खी क्षणों में 

वह 

पानी से एक ऎसा हथियार बना सकता है 

जो दु:खों के मूल स्रोतों को 

एक सीमा तक मिटा सकता है ।

-कुमार विकल